Bharat Vandan News https://bharatvandan.com/ Bharat Vandan News Fri, 22 Nov 2024 23:39:04 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://bharatvandan.com/wp-content/uploads/2024/07/cropped-logo-150x150.png Bharat Vandan News https://bharatvandan.com/ 32 32 गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में शुक्रवार को वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव ‘अभिव्यंजना’ का भव्य शुभारंभ हुआ। यह दो दिवसीय महोत्सव विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में आयोजित https://bharatvandan.com/gautam-budh-university-me-shukravaar-ko/ https://bharatvandan.com/gautam-budh-university-me-shukravaar-ko/#respond Fri, 22 Nov 2024 23:39:04 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1399 गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में ‘अभिव्यंजना’ का भव्य शुभारंभ ग्रेटर नोएडा, 22 नवंबर 2024: गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में शुक्रवार को वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव ‘अभिव्यंजना’ का भव्य शुभारंभ हुआ। यह दो दिवसीय महोत्सव विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन स्पिक-मैके (सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड...

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में ‘अभिव्यंजना’ का भव्य शुभारंभ

ग्रेटर नोएडा, 22 नवंबर 2024: गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में शुक्रवार को वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव ‘अभिव्यंजना’ का भव्य शुभारंभ हुआ। यह दो दिवसीय महोत्सव विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन स्पिक-मैके (सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग यूथ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राधा मोहन तिवारी ने किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा ने अध्यक्षता की, जबकि कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

‘अभिव्यंजना’ का महत्व
मुख्य अतिथि प्रो. तिवारी ने छात्रों की सृजनात्मकता और सांस्कृतिक अभिरुचि की सराहना करते हुए कहा, “इस तरह के महोत्सव छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने का बेहतरीन मंच प्रदान करते हैं। शैक्षणिक संस्थानों में सांस्कृतिक गतिविधियाँ न केवल मानसिक विकास में सहायक होती हैं, बल्कि ये छात्रों को समाजिक और व्यक्तित्व विकास में भी मदद करती हैं।”

मुख्य अतिथि प्रो. राधा मोहन तिवारी, राष्ट्रीय अध्यक्ष SPIC MACAY, छात्रों की प्रस्तुति से प्रभावित हुए और कहा कि यह एक ऐसा मंच है जो छात्रों को अकादमिक कार्यों के अलावा अपनी अभिव्यक्ति का अवसर प्रदान करता है।

कुलपति प्रो. आर.के. सिन्हा ने कहा कि यह एक मेगा सांस्कृतिक आयोजन है, और इसे सम semester परीक्षा से ठीक पहले आयोजित किया गया है ताकि छात्रों को तनावमुक्त होने और आगामी परीक्षा के लिए ऊर्जा पुनः प्राप्त करने का अवसर मिल सके। कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने ‘अभिव्यंजना’ शब्द के अर्थ और महत्व को स्पष्ट किया।
महोत्सव के प्रमुख कार्यक्रम
पहले दिन आयोजित कार्यक्रमों में रंगोली प्रतियोगिता, एकल गायन और एकल नृत्य प्रतियोगिता ने छात्रों की कला और संस्कृति के प्रति रुचि को प्रदर्शित किया। इसके अलावा, एड मेकिंग प्रतियोगिता और फोटो बूथ में छात्रों ने विशेष उत्साह दिखाया। वीडियो गेमिंग प्रतियोगिता, जिसमें टेकेन 3 और जीटीए 5 जैसे प्रसिद्ध खेल शामिल थे, ने छात्रों को खूब रोमांचित किया।

सार्वजनिक सहभागिता
‘अभिव्यंजना’ महोत्सव में 2500 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और 300 वालंटियर्स ने आयोजन की व्यवस्था की। छात्रों का उत्साह और सृजनात्मक ऊर्जा महोत्सव के दौरान बेमिसाल दिखी, जो यह साबित करती है कि विश्वविद्यालय में न केवल शैक्षणिक बल्कि सांस्कृतिक वातावरण भी प्रोत्साहित किया जाता है।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का यह वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव छात्रों में छिपी सांस्कृतिक और रचनात्मक क्षमता को उजागर करता है, जो उनके व्यक्तित्व और कौशल विकास में सहायक सिद्ध होगा।

सांस्कृतिक परिषद की अध्यक्ष डॉ. शक्ति साहि ने स्वागत भाषण दिया, जबकि डॉ. ममता शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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गलगोटियास विश्वविद्यालय को “विविभा 2024” में होलिस्टिक इनवॉल्वमेंट श्रेणी में “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शक” के रूप में सम्मानित किया गया। https://bharatvandan.com/galgotia-university-ko-vivibha-2-2/ https://bharatvandan.com/galgotia-university-ko-vivibha-2-2/#respond Fri, 22 Nov 2024 23:29:52 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1395 गलगोटियास विश्वविद्यालय को “विविभा 2024” में होलिस्टिक इनवॉल्वमेंट श्रेणी में “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शक” के रूप में सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार गुरुग्राम में 15 से 17 नवम्बर 2024 तक आयोजित ‘विजन ऑफ विकसित-भारत – विविभा-2024’ में प्रदान किया गया। यह महत्वपूर्ण सम्मान विश्वविद्यालय की नवाचार, स्थिरता, और समग्र विकास के प्रति...

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गलगोटियास विश्वविद्यालय को “विविभा 2024” में होलिस्टिक इनवॉल्वमेंट श्रेणी में “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शक” के रूप में सम्मानित किया गया।

यह पुरस्कार गुरुग्राम में 15 से 17 नवम्बर 2024 तक आयोजित ‘विजन ऑफ विकसित-भारत – विविभा-2024’ में प्रदान किया गया। यह महत्वपूर्ण सम्मान विश्वविद्यालय की नवाचार, स्थिरता, और समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करता है। भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 9000 से अधिक लोग शामिल हुए, जिनमें स्कूल एवं कॉलेज के छात्र, शोधकर्ता, नवप्रवर्तक और उद्योग नेता शामिल थे, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रगति का प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनी में, गलगोटियास विश्वविद्यालय ने कई अत्याधुनिक परियोजनाएँ प्रस्तुत कीं, जिनमें वायरलेस इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक बाइसिकल, रेसिंग कार, और रैपिड प्रोटोटाइपिंग और 3D प्रिंटिंग तकनीकी शामिल थीं। इस प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय की उत्कृष्ट खेल सुविधाएँ भी प्रदर्शित की गईं, जो शैक्षिक और सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में प्रतिभा को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालय की सफलता को रेखांकित करती हैं। इस समग्र प्रदर्शनी ने शोध, नवाचार, और स्थायी प्रथाओं के एकीकरण की भावना को दर्शाया।

एक प्रमुख आकर्षण विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों और प्रतिष्ठित हस्तियों के बीच बातचीत थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ, और नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. Kailash Satyarthi कैलाश सत्यार्थी ने गलगोटियास के पवेलियन का दौरा किया और प्रस्तुत किए गए नवप्रवर्तक प्रोजेक्ट्स की सराहना की। इन हस्तियों की विद्यार्थियों और संकाय के साथ बातचीत ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित शोध और नवाचारों के राष्ट्रीय महत्व को रेखांकित किया। अन्य प्रमुख आगंतुकों में एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, नौसेना प्रमुख, और डॉ. सत्यश रेड्डी, पूर्व DRDO डीआरडीओ अध्यक्ष, शामिल थे, जिन्होंने शिक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मिलन की ओर इशारा किया।

इस कार्यक्रम ने गलगोटियास विश्वविद्यालय की खेल प्रतिभाओं की उपलब्धियों का भी सम्मान किया। गलगोटियास स्पोर्ट्स काउंसिल ने उन चार छात्रों की उपलब्धियों को गर्व से प्रस्तुत किया जिन्होंने पेरिस 2024
पैरालंपिक खेलों में पदक जीते, जो विश्वविद्यालय की समग्र शिक्षा दृष्टिकोण को और अधिक प्रमाणित करता है। इन उपलब्धियों से विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की झलक मिलती है, जो न केवल शैक्षिक बल्कि खेल और अन्य सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी उत्कृष्टता को पोषित करने के लिए समर्पित है।

गलगोटियास विश्वविद्यालय की सक्रिय शिक्षण प्रणाली को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया, जिसमें पारंपरिक शिक्षण विधियों को नवाचारपूर्ण रणनीतियों के साथ मिलाकर छात्रों द्वारा वास्तविक दुनिया की समस्याओं के लिए व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किए गए। इन पहलों ने विश्वविद्यालय के उस आदर्श को व्यक्त किया है, जो वैश्विक नागरिकों को स्थानीय स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।

गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीइओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया का दूरदर्शी नेतृत्व इस सफलता का केंद्रीय तत्व था। उनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय ने शोध, नवाचार और स्थिरता की संस्कृति का विकास किया, जिससे छात्रों और संकाय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद मिली। डॉ. गलगोटिया का यह दर्शन कि “उत्कृष्टता हमेशा बेहतर करने की कोशिश करने का परिणाम होती है” संस्थान की प्रत्येक पहल में प्रतिध्वनित होता है।

विजन फॉर विकसित भारत – विविभा 2024 केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह एक मजबूत और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में एक बड़ा आंदोलन था। गलगोटियास विश्वविद्यालय की भागीदारी ने न केवल इसे शिक्षा और नवाचार में एक अग्रणी के रूप में पुनः स्थापित किया, बल्कि देशभर के संस्थानों के लिए एक आदर्श स्थापित किया। प्राचीन ज्ञान और आधुनिक उन्नति के मेल से भविष्य को और अधिक उज्जवल और स्थायी बनाने के लिए विश्वविद्यालय अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखे हुए है।

भगवत प्रशाद शर्मा
मीडिया एग्जीक्यूटिव
गलगोटियाज विश्वविद्यालय
ग्रेटर नोएडा (उ० प्०)

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ई.एस.डी.ए. इंडिया द्वारा 5वे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 का भव्य आयोजन https://bharatvandan.com/eszda-india-dwara-5ve-vishva-parvaran/ https://bharatvandan.com/eszda-india-dwara-5ve-vishva-parvaran/#respond Fri, 22 Nov 2024 23:16:58 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1392 ई.एस.डी.ए. इंडिया द्वारा 5वे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 का भव्य आयोजन एनवायरनमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन (ईएसडीए इंडिया) ने 16 से 17 नवंबर 2024 को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, संसद मार्ग, नई दिल्ली में और 21 नवंबर 2024 को हंसराज कॉलेज, नॉर्थ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय में हाइब्रिड मोड में 5वां...

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ई.एस.डी.ए. इंडिया द्वारा 5वे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 का भव्य आयोजन

एनवायरनमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन (ईएसडीए इंडिया) ने 16 से 17 नवंबर 2024 को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, संसद मार्ग, नई दिल्ली में और 21 नवंबर 2024 को हंसराज कॉलेज, नॉर्थ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय में हाइब्रिड मोड में 5वां विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024, एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, आई.सी.एम.आर. कार्यशाला, पुरस्कार और प्रदर्शनी का भव्य एव सफल आयोजन आयोजन किया गया। शिखर सम्मेलन में 22 भारतीय राज्यों और 10 विदेशी देशों से कुल 1294 लोगों ने हिस्सा लिया और इसमें से 907 पंजीकृत प्रतिभागी (318 भौतिक, 426 वर्चुअल), 260 स्वयंसेवक और 130 संकाय और वक्ता शामिल थे।

यह कार्यक्रम डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, हंसराज कॉलेज, एमिटी यूनिवर्सिटी हरियाणा, जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी गुरुग्राम, आरसीसीवी गर्ल्स कॉलेज गाजियाबाद, हेस्को देहरादून और यूएन एनवायरनमेंट, विला कॉलेज मालदीव और त्रिभुवन यूनिवर्सिटी काठमांडू नेपाल, जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ बांग्लादेश जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से आयोजित किया गया था। विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 के अंतर्गत “बायोमेडिकल रिसर्च के लिए सांख्यिकीय पद्धतियाँ” पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गयी जिसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई.सी.एम.आर.), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित और समर्थित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को इंटरनेशनल एग्रो फूड गाजियाबाद, बंकरमैन और ऑटोमोटो जेनसेट सॉल्यूशन द्वारा प्रायोजित किया गया था। शिखर सम्मेलन में 19 तकनीकी सत्र, 10 मौखिक पेपर प्रस्तुतियाँ, 4 पूर्ण सत्र, 3 आई.सी.एम.आर. कार्यशाला सत्र और 2 पोस्टर प्रस्तुतियाँ शामिल थीं, जिसमें दिल्ली का वायु प्रदूषण, जल संकट, नदी प्रदूषण, अपशिष्ट प्रबंधन, टिकाऊ कृषि, जलवायु परिवर्तन, एस.डी.जी. और हरित ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया था।

शिखर सम्मेलन के आयोजन सचिव और एनवायरनमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन के चेयरमैन एव महासचिव डॉ. जितेन्द्र नागर ने बताया कि 5वां विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 एक शानदार सफलता थी, जिसमें पर्यावरण संबंधी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दुनिया भर से प्रतिष्ठित वक्ता, प्रतिभागी और आयोजक एक साथ आए। शिखर सम्मेलन ने सार्थक चर्चा, ज्ञान साझा करने और सहयोग के लिए एक मंच प्रदान किया। डॉ. नागर ने बताया कि शिखर सम्मेलन आयोजित करने का उद्देश्य पर्यावरण संबंधी चुनौतियों पर चर्चा करना और विश्व समुदाय और सरकारों के सामने समस्याओं को कम करने के लिए कुछ करने को प्रेरित करना था। इस प्रकार के शिखर सम्मेलन छात्रों, संकायों और वैज्ञानिकों के लिए जागरूकता पैदा करते हैं और नवीनतम शोध और आविष्कार को साझा करने और प्रकाशित करने का एक मंच प्रदान करते हैं।

शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार श्री रामनाथ ठाकुर जी मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि आज हमें पर्यावरण क्षरण पर कृषि गतिविधियों के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए कुछ नई तकनीक और नवाचारों की आवश्यकता है। हमे किसानों को पराली जलाने और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग ना करने के लिए कुछ समाधान देने होंगे। इस प्रकार के सम्मेलन समाज की जागरूकता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

सम्मानित विदेशी अतिथि एव मालदीव माननीय मत्स्य एवं महासागर संसाधन राज्य मंत्री डॉ. अमजद अहमद ने कहा कि वे महासागरों और उसकी जैव विविधता को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समुद्र का जलस्तर बढ़ने से हम जलवायु परिवर्तन के खतरे में हैं और पूरी दुनिया को इसमे ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्य वक्ता पद्म भूषण पुरस्कार विजेता एवं हेस्को देहरादून के संस्थापक डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने भारत सरकार से मांग की कि अब समय आ गया है कि हम अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए जमीनी स्तर पर कुछ पहल करें। सरकार को हमारी नदी, जंगल और वन्य जीवन की रक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए।

पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली के न्यायिक सदस्य एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति श्री सुधीर अग्रवाल ने कहा कि हमारे पास अपने पर्यावरण, जंगल, नदियों, जल संसाधनों, वन्य जीवन की रक्षा के लिए पर्याप्त कानून हैं। लेकिन समस्या केवल उनके क्रियान्वयन की है। गंगा और यमुना की रक्षा और दिल्ली वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई आदेश पारित किए गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह स्थिति बहुत निराशाजनक है। न्यायपालिका अपना काम कर रही है और आदेश जारी कर अपराधियों को सजा दे रही है लेकिन पर्यावरण की रक्षा के लिए यह पर्याप्त नहीं है। अगली पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल नहीं है। शिखर सम्मेलन के संरक्षक मेजर जनरल डॉ. श्री पाल ने भारत सरकार से मांग की कि वे दिल्ली वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कुछ पहल करें और उन्होंने कहा कि SO2, NO2 और पार्टिकुलेट मैटर की तरह CO2 भी बहुत महत्वपूर्ण है।

शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष और दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सदा नंद प्रसाद ने कहा कि आज पर्यावरण शिक्षा भारत के सभी नागरिकों और खासकर हमारे युवाओं के लिए आवश्यक है। हमारे छात्र भारत का भविष्य होंगे और अगर उन्हें पर्यावरण के मुद्दों का ज्ञान होगा, तो वे पर्यावरण और विकास के टकराव के समय सही निर्णय ले सकते हैं। पद्मश्री से सम्मानित जल संरक्षणविद् राजा लक्ष्मण सिंह ने राजस्थान के तालाबों को बड़े पैमाने पर पुनर्जीवित करने और जयपुर जिले के गांवों में जल संकट की समस्या को हल करने की प्रक्रिया बताई। ईएसडीए ग्रीन 2024 पुरस्कारों से दुनिया भर के लगभग 45 विशिष्ट लोगों को सम्मानित किया गया, जिनमें माननीय न्यायमूर्ति श्री सुधीर अग्रवाल को ईएसडीए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, दिल्ली विश्वविद्यालय के वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक राज कुमार को राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार, अंतर्राष्ट्रीय रोमा सांस्कृतिक विश्वविद्यालय के माननीय कुलाधिपति प्रो. एम के. वाजपेयी और बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. हमीदा खानम और एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पीबी शर्मा को मानद फैलोशिप, मॉरीशस विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मंता देवी नौबथ, अंबेडकर कालिज के प्राचार्य प्रो. सदा नंद प्रसाद और हंसराज कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रमा को ऐकडेमिक एक्सलन्स, तथा समाजसेवी सेवी भोपाल सिंह नागर, मदन पांचाल, भूपेंद्र नागर, रवीद अहमद और अन्य को पुरुस्कारों से सम्मानित कुयय गया।

प्रतिष्ठित अतिथि और वक्ता जिनमें जल योद्धा पद्म श्री उमा शंकर पांडे यूपी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के निदेशक श्री वी.पी. यादव, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, भारत सरकार की वैज्ञानिक डॉ. गीतांजलि सगीना, दिल्ली विश्वविद्यालय के वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. राज कुमार, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान स्कूल के डीन प्रो. संजीत सिंह, विला कॉलेज मालदीव के सहायक प्रोफेसर डॉ. लोकेश सिंह, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड गुवाहाटी के मुख्य महाप्रबंधक एवं गुवाहाटी रिफाइनरी के प्रमुख श्री पीके बसुमतारी, हंसराज कॉलेज की उप प्राचार्य प्रो. विजय रानी राजपाल, महारानी साइंस कॉलेज फॉर विमेन, मैसूर, कर्नाटक की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हनुमंथप्पा मकरी, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. जी के अरोड़ा, शिक्षा पहल के परियोजना निदेशक, शिव नादर फाउंडेशन, नोएडा डॉ. रॉबिन सरकार, जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम की गुणवत्ता निदेशक (सीसीपी), बीएमएनएस सर्विसेज, गुरुग्राम डॉ. ललित शर्मा, डॉ. कविता खटाना, डॉ. कमल सिंह,एवं अन्य ने व्याख्यान दिए|

धन्यवाद

डॉ. जितेंद्र के नागर
आयोजन सचिव, विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024
पर्यावरण एवं सामाजिक विकास संघ, दिल्ली के महासचिव
मोबाईल: 9810086649

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विश्व शिल्प मंच की शुरुआत हुई, नेशनल क्राफ्ट म्यूजियम में https://bharatvandan.com/vishv-shilp-manvh-ki-shuruaat/ https://bharatvandan.com/vishv-shilp-manvh-ki-shuruaat/#respond Fri, 22 Nov 2024 22:59:27 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1387 विश्व शिल्प मंच की शुरुआत हुई, नेशनल क्राफ्ट म्यूजियम में नई दिल्ली, 22 नवंबर 2024 – विश्व शिल्प मंच 2024 का उद्घाटन दिवस एक शानदार सफलता थी, जिसने तीन दिनों तक व्यावहारिक चर्चाओं, जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शनों और वैश्विक शिल्प समुदाय के भीतर शक्तिशाली नेटवर्किंग के लिए मंच तैयार किया। यह...

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विश्व शिल्प मंच की शुरुआत हुई, नेशनल क्राफ्ट म्यूजियम में

नई दिल्ली, 22 नवंबर 2024 – विश्व शिल्प मंच 2024 का उद्घाटन दिवस एक शानदार सफलता थी, जिसने तीन दिनों तक व्यावहारिक चर्चाओं, जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शनों और वैश्विक शिल्प समुदाय के भीतर शक्तिशाली नेटवर्किंग के लिए मंच तैयार किया। यह WCC AISBL की 60वीं वर्षगांठ थी, और यह कार्यक्रम नई दिल्ली में राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय और हस्तकला अकादमी में हुआ, जिसमें शिल्प क्षेत्र में सहयोग, स्थिरता और नवाचार के शक्तिशाली संदेश के साथ समारोह की शुरुआत हुई।

दिन की कार्यवाही शिल्प और स्थिरता के मूल्य पर बहुप्रतीक्षित गोलमेज सम्मेलन के साथ शुरू हुई, जहाँ पैनलिस्ट और प्रतिभागियों ने शिल्प क्षेत्र में स्थिरता के बढ़ते महत्व पर गहन चर्चा की। चर्चाओं में पता लगाया गया कि शिल्प किस तरह से सतत आर्थिक विकास और सांस्कृतिक संरक्षण में योगदान करते हैं, जबकि शिल्प समुदायों और समाजों में जो अमूर्त मूल्य लाते हैं, उन्हें उजागर करते हैं।

दिन का मुख्य कार्यक्रम उद्घाटन समारोह था, जिसने विश्व शिल्प मंच 2024 को आधिकारिक रूप से चिह्नित किया। इस समारोह ने वैश्विक शिल्प आंदोलन को संप्रेषित करने और लोकप्रिय बनाने में इस विश्व परिषद के नेतृत्व के छह दशकों को चिह्नित किया। मुख्य अतिथि श्री पाबित्रा मार्गेरिटा, कपड़ा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के राज्य मंत्री, ने इस बात की वाक्पटुता से वकालत की कि कैसे शिल्प का अस्तित्व देश की संस्कृति के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था में एक अभिन्न भूमिका निभाता है।

“शिल्प केवल उत्पाद नहीं हैं; वे मानवीय सरलता, परंपरा और पहचान की जीवंत कहानियाँ हैं। जैसा कि हम विश्व शिल्प परिषद की 60वीं वर्षगांठ मनाते हैं, आइए हम उन कारीगरों का सम्मान करें जो अपने बेजोड़ कौशल और जुनून के साथ अतीत और भविष्य को जोड़ते हैं। भारत, शिल्प कौशल की अपनी समृद्ध विरासत के साथ, रचनात्मकता, स्थिरता और नवाचार के एक प्रकाशस्तंभ के रूप में गर्व से खड़ा है, जो दुनिया को एक उज्जवल, अधिक जुड़े हुए भविष्य की ओर ले जा रहा है।” उन्होंने अपने भाषण में कहा। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, रोहित कंसल, आईएएस ने निष्कर्ष निकाला, “विश्व शिल्प मंच शिल्प को किस तरह से देखा जाता है, इसमें एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा, जिससे कारीगरों के लिए नए अवसर पैदा होंगे और एक लचीला शिल्प पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा।” श्रीमती अमृत राज, हस्तशिल्प विकास आयुक्त, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार ने टिप्पणी की, “यह कार्यक्रम वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देते हुए अपने विविध शिल्पों को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” सम्मानित अतिथियों ने भी अपने विचार साझा किए, जिसमें डब्ल्यूसीसी एआईएसबीएल के अध्यक्ष श्री साद अल-कद्दूमी ने कहा कि वैश्विक सहयोग आने वाली पीढ़ियों के लिए शिल्प कला को बहाल कर सकता है। श्री अल-कद्दूमी ने कहा, “विश्व शिल्प परिषद का निरंतर प्रयास दुनिया भर में शिल्प आंदोलन को फिर से सक्रिय करना है और भारत में डब्ल्यूसीसी के 60 साल पूरे होने का जश्न विकास आयुक्त हस्तशिल्प के साथ मिलकर दुनिया भर में डब्ल्यूसीसी के प्रमुख कार्यक्रमों के लिए एक बड़ी छलांग लगाने का मंच तैयार करता है।” यूनेस्को दक्षिण एशिया के निदेशक श्री टिम कर्टिस सतत विकास में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के महत्व पर बोल रहे थे।

“यूनेस्को का दृढ़ विश्वास है कि पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करना न केवल सांस्कृतिक पहचान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सतत अर्थव्यवस्थाओं के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। विश्व शिल्प मंच इन अंतर्संबंधों का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है,” श्री कर्टिस ने कहा।

“विषय” शिल्प दुनिया को जोड़ता है, जो एक पुनरुत्थानशील रचनात्मक अर्थव्यवस्था के लिए शिल्प का लाभ उठाने और ग्रह और उसके लोगों के लिए एक सतत भविष्य को आकार देने के बारे में है।” डॉ. डार्ली कोशी, रणनीतिक सलाहकार

स्टीयरिंग ग्रुप के सदस्य और क्राफ्ट विलेज के संस्थापक सोमेश सिंह ने कहा, “दिल्ली में पिछले अंतर्राष्ट्रीय शिल्प सप्ताहों की सफलता के साथ, अमृत काल के दौरान देश की अभूतपूर्व प्रगति के साथ शिल्प को सबसे आगे लाने और भारत सरकार की अन्य पहलों के साथ मुख्यधारा में लाने और भारतीय शिल्प को WCÇ AISBL द्वारा उत्प्रेरित वैश्विक शिल्प पारिस्थितिकी तंत्र के केंद्र में रखने के लिए मंच तैयार है।

आधिकारिक उद्घाटन के बाद, क्राफ्ट फंड पर पैनल चर्चा: क्राफ्ट इनक्यूबेशन और उद्यमिता की स्थापना हुई, जिसमें शिल्प कार्य के क्षेत्र में स्टार्ट-अप समर्थन संरचनाओं की तत्काल आवश्यकता पर चर्चा की गई। पैनलिस्टों ने यह सुनिश्चित करने में नवाचार और उद्यमिता की भूमिका पर जोर दिया कि पारंपरिक शिल्प न केवल जीवित रहें बल्कि आधुनिक अर्थव्यवस्था में पनपें।

दिन का समापन एक सांस्कृतिक संध्या के साथ होगा, जिसमें समृद्ध पारंपरिक प्रदर्शन प्रदर्शित किए जाएंगे। और सर्वश्रेष्ठ भारतीय शिल्प की ईपीसीएच गैलरी का उद्घाटन।

दिन की गतिविधियों के एक हिस्से के रूप में, फोरम में विशेष फिल्म स्क्रीनिंग शामिल थी: आद्यम हैंडवॉवन फिल्में बनारस, भदोई, पोचमपल्ली और अन्य की समृद्ध शिल्प परंपराओं को उजागर करती हैं। वे भारत की कुछ सबसे प्रसिद्ध बुनाई के पीछे शिल्प कौशल, तकनीकों और कहानियों के बारे में गहन जानकारी प्रदान करते हैं।

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गलगोटियास विश्वविद्यालय को “विविभा 2024” 024में होलिस्टिक इनवॉल्वमेंट श्रेणी में “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शक” के रूप में सम्मानित किया गया। https://bharatvandan.com/galgotia-university-ko-vivibha-2/ https://bharatvandan.com/galgotia-university-ko-vivibha-2/#respond Wed, 20 Nov 2024 17:55:32 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1384 गलगोटियास विश्वविद्यालय को “विविभा 2024” में होलिस्टिक इनवॉल्वमेंट श्रेणी में “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शक” के रूप में सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार गुरुग्राम में 15 से 17 नवम्बर 2024 तक आयोजित ‘विजन ऑफ विकसित-भारत – विविभा-2024’ में प्रदान किया गया। यह महत्वपूर्ण सम्मान विश्वविद्यालय की नवाचार, स्थिरता, और समग्र विकास के प्रति...

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गलगोटियास विश्वविद्यालय को “विविभा 2024” में होलिस्टिक इनवॉल्वमेंट श्रेणी में “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शक” के रूप में सम्मानित किया गया।

यह पुरस्कार गुरुग्राम में 15 से 17 नवम्बर 2024 तक आयोजित ‘विजन ऑफ विकसित-भारत – विविभा-2024’ में प्रदान किया गया। यह महत्वपूर्ण सम्मान विश्वविद्यालय की नवाचार, स्थिरता, और समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करता है। भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 9000 से अधिक लोग शामिल हुए, जिनमें स्कूल एवं कॉलेज के छात्र, शोधकर्ता, नवप्रवर्तक और उद्योग नेता शामिल थे, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रगति का प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनी में, गलगोटियास विश्वविद्यालय ने कई अत्याधुनिक परियोजनाएँ प्रस्तुत कीं, जिनमें वायरलेस इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक बाइसिकल, रेसिंग कार, और रैपिड प्रोटोटाइपिंग और 3D प्रिंटिंग तकनीकी शामिल थीं। इस प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय की उत्कृष्ट खेल सुविधाएँ भी प्रदर्शित की गईं, जो शैक्षिक और सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में प्रतिभा को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालय की सफलता को रेखांकित करती हैं। इस समग्र प्रदर्शनी ने शोध, नवाचार, और स्थायी प्रथाओं के एकीकरण की भावना को दर्शाया।

एक प्रमुख आकर्षण विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों और प्रतिष्ठित हस्तियों के बीच बातचीत थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ, और नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. Kailash Satyarthi कैलाश सत्यार्थी ने गलगोटियास के पवेलियन का दौरा किया और प्रस्तुत किए गए नवप्रवर्तक प्रोजेक्ट्स की सराहना की। इन हस्तियों की विद्यार्थियों और संकाय के साथ बातचीत ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित शोध और नवाचारों के राष्ट्रीय महत्व को रेखांकित किया। अन्य प्रमुख आगंतुकों में एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, नौसेना प्रमुख, और डॉ. सत्यश रेड्डी, पूर्व DRDO डीआरडीओ अध्यक्ष, शामिल थे, जिन्होंने शिक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मिलन की ओर इशारा किया।

इस कार्यक्रम ने गलगोटियास विश्वविद्यालय की खेल प्रतिभाओं की उपलब्धियों का भी सम्मान किया। गलगोटियास स्पोर्ट्स काउंसिल ने उन चार छात्रों की उपलब्धियों को गर्व से प्रस्तुत किया जिन्होंने पेरिस 2024
पैरालंपिक खेलों में पदक जीते, जो विश्वविद्यालय की समग्र शिक्षा दृष्टिकोण को और अधिक प्रमाणित करता है। इन उपलब्धियों से विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की झलक मिलती है, जो न केवल शैक्षिक बल्कि खेल और अन्य सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी उत्कृष्टता को पोषित करने के लिए समर्पित है।

गलगोटियास विश्वविद्यालय की सक्रिय शिक्षण प्रणाली को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया, जिसमें पारंपरिक शिक्षण विधियों को नवाचारपूर्ण रणनीतियों के साथ मिलाकर छात्रों द्वारा वास्तविक दुनिया की समस्याओं के लिए व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किए गए। इन पहलों ने विश्वविद्यालय के उस आदर्श को व्यक्त किया है, जो वैश्विक नागरिकों को स्थानीय स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।

गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीइओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया का दूरदर्शी नेतृत्व इस सफलता का केंद्रीय तत्व था। उनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय ने शोध, नवाचार और स्थिरता की संस्कृति का विकास किया, जिससे छात्रों और संकाय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद मिली। डॉ. गलगोटिया का यह दर्शन कि “उत्कृष्टता हमेशा बेहतर करने की कोशिश करने का परिणाम होती है” संस्थान की प्रत्येक पहल में प्रतिध्वनित होता है।

विजन फॉर विकसित भारत – विविभा 2024 केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह एक मजबूत और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में एक बड़ा आंदोलन था। गलगोटियास विश्वविद्यालय की भागीदारी ने न केवल इसे शिक्षा और नवाचार में एक अग्रणी के रूप में पुनः स्थापित किया, बल्कि देशभर के संस्थानों के लिए एक आदर्श स्थापित किया। प्राचीन ज्ञान और आधुनिक उन्नति के मेल से भविष्य को और अधिक उज्जवल और स्थायी बनाने के लिए विश्वविद्यालय अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखे हुए है।

भगवत प्रशाद शर्मा
मीडिया एग्जीक्यूटिव
गलगोटियाज विश्वविद्यालय
ग्रेटर नोएडा (उ० प्०)

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गलगोटिया विश्वविद्यालय में आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक्टिव लर्निंग भवन का हुआ लोकार्पण। “अब कक्षा में कोई बैकबेंचर नहीं होगा https://bharatvandan.com/galgotia-university-me-adhunik-suvidha/ https://bharatvandan.com/galgotia-university-me-adhunik-suvidha/#respond Wed, 20 Nov 2024 04:52:11 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1381 गलगोटिया विश्वविद्यालय में आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक्टिव लर्निंग भवन का हुआ लोकार्पण। “अब कक्षा में कोई बैकबेंचर नहीं होगा”  सक्रिय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गलगोटिया विश्वविद्यालय में समार्ट क्लासरूम से सुसज्जित एक्टिव लर्निंग भवन का लोकार्पण किया गया। बहुमंजिला नवनिर्मित इस भवन में क्लास रूम को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया...

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गलगोटिया विश्वविद्यालय में आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक्टिव लर्निंग भवन का हुआ लोकार्पण।
“अब कक्षा में कोई बैकबेंचर नहीं होगा”

 सक्रिय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गलगोटिया विश्वविद्यालय में समार्ट क्लासरूम से सुसज्जित एक्टिव लर्निंग भवन का लोकार्पण किया गया। बहुमंजिला नवनिर्मित इस भवन में क्लास रूम को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के सर्वांगीण विकास पर ज़ोर देना है। इसे वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हुये तैयार किया गया है। जिसमें कक्षा में शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी और मानवीय इंटरएक्शन को समायोजित करने के लिए सहयोगी शिक्षा की आवश्यकता को महत्व देना प्रमुख है। इस उपलक्ष्य में  गलगोटिया विश्वविद्यालय ने नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर के साथ मिलकर  एक अंतर्राष्ट्रीय  संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।  इस आयोजन में वैश्विक संस्थाओं के प्रतिष्ठित विद्वानों, शिक्षकों और आमंत्रित किया गया, जिनमें नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (सिंगापुर), क्यूएस क्वाक्वारेली सिमंड्स, और टाइम्स हायर एजुकेशन के प्रतिनिधि शामिल थे। यह कहना उचित होगा कि गलगोटिया विश्वविद्यालय ने भारत  के पहले एक्टिव लर्निंग भवन का लोकार्पण किया है। यह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के क्रम में एक सक्रिय पहल है। इस आयोजन में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का भी जश्न मनाया गया, जिसमें इसके विविध राज्यों की अद्वितीय परंपराओं, कला रूपों और जीवन शैलियों का प्रदर्शन किया गया। लोक नृत्यों की लयबद्ध धड़कनों से लेकर, जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शनी ने भारत की विविधता में एकता का सार प्रस्तुत किया।
सम्मेलन का उद्देश्य 21वीं सदी में शिक्षण और अधिगम के परिवर्तनशील दृष्टिकोणों का अन्वेषण करना था, जिसमें सक्रिय शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र, अंतर्विषयक शिक्षा, और शिक्षा पद्धतियों में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर जोर दिया गया। चर्चा का केंद्र छात्रों को एक विकसित वैश्विक परिप्रेक्ष्य के लिए कौशल से लैस करना, रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच, और नवाचार को बढ़ावा देना था।
नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (NTU), सिंगापुर के प्रोफेसर गण ची लिप ने NTU के अद्वितीय परिवर्तन यात्रा पर अपने उद्घाटन संबोधन में अमूल्य विचार और प्रेरणा दी, जिसका अनुसरण करना हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मेलबर्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिचर्ड जेम्स ने गलगोटिया विश्वविद्यालय के छात्र-केंद्रित सक्रिय शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र (GSCALE) परिवर्तन के महत्व को उजागर किया।
एसोसिएट प्रोफेसर इयान डिक्सन ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रॉस-कल्चरल स्टोरीटेलिंग पर अपने सत्र में चर्चा की। भारतीय और पश्चिमी सिनेमाई परंपराओं के एकीकरण को समझते हुए, उन्होंने सांस्कृतिक आदान-प्रदान और नवाचार के उपकरण के रूप में कहानी कहने की शक्ति को प्रदर्शित किया।
डॉ. हो शेन योंग, जिनकी प्लेनेरी चर्चा ने शिक्षा में एआई की भूमिका पर संतुलन बनाए रखा, ने भविष्य की शिक्षा पर गहरी विचार प्रस्तुत की।
सम्मेलन में NTU प्रतिनिधिमंडल, क्यूएस के श्री अश्विन फर्नांडीस, THE के श्री रितिन मल्होत्रा, इंटरएक्टिव कार्यशालाओं और नेटवर्किंग अवसरों के साथ पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जिससे प्रतिभागियों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचार विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के चांसलर श्री सुनील गलगोटिया ने विश्वविद्यालय के शैक्षिक ढांचे को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि हम जो बीज आज बोते हैं, वह कल संभावनाओं के एक बड़े जंगल में बदल जाएंगे।

सीईओ, डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि यह सम्मेलन हमारे शैक्षिक अनुभव को फिर से परिभाषित करने की दिशा में एक कदम है, जो पारंपरिक शिक्षा मॉडल और आधुनिक दुनिया की आवश्यकताओं के बीच की खाई को पाटेगा। उन्होंने यह भी कहा कि गलगोटिया विश्वविद्यालय में हमारा प्राथमिक लक्ष्य एक स्मार्ट, सोचने वाली कार्यबल विकसित करना है, जिसमें रचनात्मकता, समस्या हल करने की क्षमताएं और साहसिक होने की क्षमता हो।
सम्मेलन और गलगोटिया विश्वविद्यालय में सक्रिय शिक्षा स्पेस का उद्घाटन हमें वैश्विक शैक्षिक संवाद के एक केंद्र के रूप में स्थापित करता है, जो शिक्षा में महत्वपूर्ण परिवर्तन को प्रेरित कर रहा है और संस्थागत उत्कृष्टता का एक मानक स्थापित कर रहा है।

भगवत प्रसाद शर्मा
पीआरओ/मीडिया कार्यकारी
गलगोटिया विश्वविद्यालय
ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश

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आज दिनांक 18 नवंबर 2024 को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के शिक्षण एवं प्रशिक्षण विभाग में एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन https://bharatvandan.com/aaj-dinank-18-nov-2024-ko-gautam/ https://bharatvandan.com/aaj-dinank-18-nov-2024-ko-gautam/#respond Mon, 18 Nov 2024 17:34:04 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1378 आज दिनांक 18 नवंबर 2024 को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के शिक्षण एवं प्रशिक्षण विभाग में एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रो अरविंद कुमार मिश्रा, जाकिर हुसैन सेंटर ऑफ स्टडीज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय से उपास्थित रहे। भारतीय परम्परानुसार कार्यक्रम का शुभारंभ...

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आज दिनांक 18 नवंबर 2024 को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के शिक्षण एवं प्रशिक्षण विभाग में एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रो अरविंद कुमार मिश्रा, जाकिर हुसैन सेंटर ऑफ स्टडीज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय से उपास्थित रहे। भारतीय परम्परानुसार कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ किया गया। स्वागत वक्तव्य मानवीकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता प्रो वंदना पांडे द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो अरविंद कुमार मिश्रा जी ने अपने वक्तव्य में शोध के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए शोध की गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण बल दिया साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित शोध पत्र पत्रिकाओं को पढ़ने एवं भविष्य में शोध पत्र प्रकाशित करवाने हेतु प्रेरित किया। प्रो मिश्रा ने अपने सारगर्भित व्याख्यान मे शोध के विभिन्न चरणों का संक्षिप्त परिचय भी दिया एवं अंत में छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देकर विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया। राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम समन्वयक डॉक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव विभागाअध्यक्ष शिक्षा विभाग, कार्यक्रम सह समन्वयक डॉ श्रुति कंवर सहायक आचार्य शिक्षा विभाग, अन्य प्रवक्तागणों डॉ ममता रानी, डॉ शालिनी भारद्वाज, डॉ वैशाली एवं समस्त विद्यार्थियों का कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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गलगोटियाज यूनिवर्सिटी और निम्मया फाउंडेशन के सहयोग से स्मार्ट फेलोशिप प्रोग्राम का आयोजन https://bharatvandan.com/galgotia-university-or-nimmmya-foundation/ https://bharatvandan.com/galgotia-university-or-nimmmya-foundation/#respond Mon, 18 Nov 2024 17:23:53 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1375 गलगोटियाज यूनिवर्सिटी और निम्मया फाउंडेशन के सहयोग से स्मार्ट फेलोशिप प्रोग्राम का आयोजन 18 नवंबर 2024 को गलगोटियाज यूनिवर्सिटी और निम्मया फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से स्मार्ट फेलोशिप प्रोग्राम के भव्य दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उन विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने शिक्षा और सामाजिक...

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गलगोटियाज यूनिवर्सिटी और निम्मया फाउंडेशन के सहयोग से स्मार्ट फेलोशिप प्रोग्राम का आयोजन

18 नवंबर 2024 को गलगोटियाज यूनिवर्सिटी और निम्मया फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से स्मार्ट फेलोशिप प्रोग्राम के भव्य दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उन विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने शिक्षा और सामाजिक सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कार्यक्रम के प्रमुख विषय समाज, पर्यावरण संरक्षण, और महिला सशक्तिकरण थे।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन की प्रेरणादायक पंक्तियों से हुई, जिसने विद्यार्थियों को प्रेरित किया:

“तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!”

इन पंक्तियों ने सभी को शिक्षा के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दी।

समारोह में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं सुश्री आराधना गलगोटिया, ऑपरेशंस डायरेक्टर, पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) रेनू लूथरा, वर्तमान कुलपति प्रो. (डॉ.) के. मल्लिकार्जुन बाबू, प्रो-वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) अवधेश कुमार, रजिस्ट्रार डॉ. नितिन गौर, और अन्य विशिष्ट गणमान्य अतिथियों ने अपने विचार साझा किए और विद्यार्थियों को भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं।

निम्मया फाउंडेशन की सह-संस्थापक सुश्री नव्या नवेली नंदा और स्मार्ट फेलोशिप के सह-संस्थापक श्री सम्यक चक्रवर्ती ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सुश्री नव्या नवेली नंदा ने महिलाओं के सम्मान और आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया, जबकि श्री सम्यक चक्रवर्ती ने युवाओं को समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।

भारतीय संस्कृति में महिलाओं के सम्मान पर एक विशेष चर्चा आयोजित की गई, जिसमें “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते तत्र रमन्ते देवता” (जहां महिलाओं का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं) जैसे श्लोक द्वारा महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया गया।

सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और दीप प्रज्वलन के बाद गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के छात्रों को उनके अनूठे योगदान और समर्पण के लिए सम्मानित किया गया।

गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि महिलाओं का सम्मान केवल कानून और अधिकारों से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की मानसिकता और दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदलना और उनकी सुरक्षा के लिए संवेदनशीलता बढ़ाना आवश्यक है। जब तक महिलाओं के प्रति हिंसा, शोषण, और भेदभाव समाप्त नहीं होते, तब तक महिलाओं का सम्मान अधूरा है। महिलाओं की सुरक्षा और हिंसा पर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।

गलगोटियाज यूनिवर्सिटी की ऑपरेशंस डायरेक्टर सुश्री आराधना गलगोटिया ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी के रूप में माना जाता है। वे जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, चाहे वह परिवार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा हो या राजनीति। वे सृजन की शक्ति, मातृत्व का सार, और समाज की नींव का प्रतीक हैं। सुश्री नव्या नवेली नंदा और श्री सम्यक चक्रवर्ती को सम्मानस्वरूप गुलदस्ते और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।

समारोह का समापन करते हुए कुलपति प्रो. (डॉ.) के. मल्लिकार्जुन बाबू ने इस कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों को अच्छे नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं बल्कि उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रेरित करते हैं।

भगवत प्रसाद शर्मा
पीआरओ/मीडिया एक्जीक्यूटिव
गलगोटियाज यूनिवर्सिटी
ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश

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गलगोटिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “फार्मा इनोवेशन समिट 2024” का सफल समापन https://bharatvandan.com/galgotia-college-of-pharmacy-dwara/ https://bharatvandan.com/galgotia-college-of-pharmacy-dwara/#respond Sun, 17 Nov 2024 13:57:54 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1371 गलगोटिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “फार्मा इनोवेशन समिट 2024” का सफल समापन गलगोटियास कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा 15-16 नवंबर, 2024 को दो दिवसीय “फार्मा इनोवेशन समिट 2024” के सफल आयोजन का आज समापन किया गया। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शीर्षक था “बेहतर स्वास्थ्य सेवा के...

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गलगोटिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “फार्मा इनोवेशन समिट 2024” का सफल समापन

गलगोटियास कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा 15-16 नवंबर, 2024 को दो दिवसीय “फार्मा इनोवेशन समिट 2024” के सफल आयोजन का आज समापन किया गया। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शीर्षक था “बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए दवा खोज और इनोवेटिव डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के माध्यम से चिकित्सा में भविष्य बनाना।” इस कार्यक्रम में 450 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें विश्वभर से शैक्षणिक और औद्योगिक विशेषज्ञ, शोधकर्ता और पेशेवर शामिल थे। सम्मेलन ने ज्ञान और सहयोग के आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया।

दो दिवसीय सम्मेलन के प्रमुख बिंदु:

प्रथम दिवस की चर्चा:
• डॉ. कार्स्टन मैडर ने “पैरेंट्रल कंट्रोल्ड रिलीज़: मेडिकल नीड्स, चैलेंजेस और न्यू डेवलपमेंट्स” विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने पुरानी बीमारियों के प्रबंधन में निरंतर दवा वितरण प्रणालियों के महत्व पर जोर दिया।
• जामिया हमदर्द, नई दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. फरहान जलीस अहमद ने दवा वितरण के आधुनिक रुझानों पर चर्चा की, जिसमें लिपोसोम्स और नैनोपार्टिकल्स जैसी नवीन विधियों के उपयोग की बात कही।
• एम्स्ट यूनिवर्सिटी, मलेशिया के प्रोफेसर डॉ. नीरज फुलोरिया ने ऑर्थोमोलेक्यूलर मेडिसिन पर व्याख्यान दिया, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से उपस्थित विटामिन और खनिजों के उपयोग पर केंद्रित है।
• सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क के प्रोफेसर डॉ. केतन पटेल ने अगली पीढ़ी की दवाओं के वितरण के लिए उभरती हुई निर्माण तकनीकों पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को फार्मास्युटिकल विज्ञान में नए नवाचारों को अपनाने का आग्रह किया।
दूसरे दिन की चर्चा:
दूसरे दिन, दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. देवेश तिवारी ने “स्थानीय ज्ञान, वैश्विक प्रभाव” विषय पर परंपरागत चिकित्सा और जमीनी नवाचारों की भूमिका पर चर्चा की। इसके बाद आईएनएमएएस-डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक “जी” डॉ. असीम भटनागर ने फार्मास्युटिकल नवाचारों के व्यावसायीकरण पर बात की। यूनिवर्सिटी ऑफ जेनेवा, स्विट्ज़रलैंड के प्रोफेसर डॉ. टुडोर आर्विंटे ने मानव प्लाज्मा में बायोफार्मास्युटिकल्स के एग्रीगेशन पर अपने केस स्टडीज प्रस्तुत किए, जिसमें पेगफिलग्रास्टिम और फिलग्रास्टिम पर चर्चा की गई।
इंटरएक्टिव सत्र और पुरस्कार वितरण:
सम्मेलन में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में आयोजित किया गया। प्रस्तुतियों का मूल्यांकन वैज्ञानिक विशेषज्ञों की एक पैनल द्वारा किया गया और सर्वश्रेष्ठ मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
समापन समारोह:
सम्मेलन का समापन समापन समारोह और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. शहीन सुल्ताना ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसमें आयोजन समिति, छात्रों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के अथक प्रयासों की सराहना की गई।
गलगोटियाज विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने प्रतिभागियों के उत्साहपूर्ण योगदान की सराहना की और कहा कि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन फार्मास्युटिकल विज्ञान में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देते हैं, जो अंततः स्वास्थ्य सेवा परिणामों में सुधार लाने में सहायक होते हैं।
फार्मा इनोवेशन समिट 2024 ने दवा खोज और वितरण के क्षेत्र में एक नई मानक स्थापित किया है। इसने विशेषज्ञों को अपने शोध, विचारों और नवाचारों को साझा करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया, जो भविष्य के सहयोग और विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।
समापन समारोह का समापन गलगोटियाज कॉलेज ऑफ फार्मेसी के निदेशक डॉ. विक्रम शर्मा द्वारा ज्ञानवर्धक शब्दों से किया गया।

भगवत प्रसाद शर्मा
पीआरओ/मीडिया कार्यकारी
गलगोटियास विश्वविद्यालय
ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश

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तीन दिवसीय “भारत शिक्षा एक्सपो 2024” के समापन समारोह में गलगोटियाज विश्वविद्यालय को मिला सर्वश्रेष्ठ-प्रदर्शन का अवार्ड। https://bharatvandan.com/teen-divaseey-bharat-shiksha-expo/ https://bharatvandan.com/teen-divaseey-bharat-shiksha-expo/#respond Wed, 13 Nov 2024 17:03:17 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1368 तीन दिवसीय “भारत शिक्षा एक्सपो 2024” के समापन समारोह में गलगोटियाज विश्वविद्यालय को मिला सर्वश्रेष्ठ-प्रदर्शन का अवार्ड। 11 ~13 नवम्बर 2024 तक चलने वाले तीन दिवसीय “भारत शिक्षा एक्सपो 2024” के समापन समारोह में आज गलगोटियाज विश्वविद्यालय को मिला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का अवार्ड। यह अवार्ड गलगोटियाज विश्वविद्यालय के प्रो० वाइस...

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तीन दिवसीय “भारत शिक्षा एक्सपो 2024” के समापन समारोह में गलगोटियाज विश्वविद्यालय को मिला सर्वश्रेष्ठ-प्रदर्शन का अवार्ड।

11 ~13 नवम्बर 2024 तक चलने वाले तीन दिवसीय “भारत शिक्षा एक्सपो 2024” के समापन समारोह में आज गलगोटियाज विश्वविद्यालय को मिला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का अवार्ड। यह अवार्ड गलगोटियाज विश्वविद्यालय के प्रो० वाइस चांसलर अवधेश कुमार, डा० विन्नी शर्मा, कमल किशोर, मनुराज जायसवाल और विद्यार्थियों ने आर एस एस के प्रभारी डा० इन्न्द्रेश कुमार जी के हाथों से प्राप्त किया।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि कि गलगोटियाज विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने सभी को शुभकामनाएँ देते हुए कहा है कि जीवन में कठिन परिश्रम और सच्ची लग्न से हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों भविष्य में और नये से नये आयामों की स्थापना करेंगे। गलगोटियाज विश्वविद्यालय उनके चहुँमुखी विकास के लिये सदैव कृत संकल्पित है।

इस तीन दिवसीय “भारत शिक्षा एक्सपो 2024” के कार्यक्रम की मुख्य बिंदुओं की हम बात करें तो

1. जीएनआईडीए अथॉरिटी के एसीईओ ने श्री अशोतोष कुमार द्विवेदी से मुलाकात की, जो अधिकारियों और विश्वविद्यालय के बीच एक महत्वपूर्ण बातचीत को दर्शाता है।

2. पांच प्रसिद्ध स्कूलों के प्रिंसिपलों ने हमारे विश्वविद्यालय के स्टॉल का दौरा किया, जिससे हमारे कार्यक्रमों और पहलों में उनकी गहरी रुचि दिखाई दी।

3. हमारे दो स्टार्टअप्स को भारत शिक्षा एक्सपो में आयोजित आइडियाथॉन में पुरस्कार मिला, जिसमें कुल 50 स्टार्टअप्स ने भाग लिया।

4. इस कार्यक्रम में सेना के कमांडेंट्स ने भी भाग लिया जिन्होंने हमारे स्टील पर आकर विद्यार्थियों से गहन वार्तालाप किया।जिससे इस एक्सपो की प्रतिष्ठा और महत्व में वृद्धि हुई।

5. बहुत संख्या में माता-पिता ने भी दौरा किया, जिससे विश्वविद्यालय की परियोजनाओं और उपलब्धियों में उनकी रुचि और समर्थन दिखाई दिया।

6. आकर्षण का केंद्र गलगोटियास विश्वविद्यालय के स्टार्टअप्स और नवीन परियोजनाएं थीं जैसे कि वायरलेस इलेक्ट्रिक सोलर बस, गो-कार्ट, 3डी प्रिंटिंग मशीनें, ड्रोन, और तीरंदाजी जैसे खेल।

7. दौरा करने वाले छात्रों की संख्या कई हज़ारों में थीं गलगोटियाज विश्वविद्यालय के स्टाल पर तीनों दिन भारी भीड़ देखने को मिली।

8. जीआईसीआरआईएसई द्वारा पांच स्टार्टअप्स का इनक्यूबेशन किया गया:
– **वृक्षषित ईकॉमार्ट**: अपशिष्ट से इकट्ठे किए गए टिकाऊ, पौधे योग्य, पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद प्रदान करता है।
– **किसान दृष्टि और हाइड्रो-बेस्ड ड्रोन**: एरोवर्क टेक्नोलॉजीज का एक उत्पाद जो एआई इंटिग्रेशन के साथ स्मार्ट खेती समाधान प्रदान करता है।
– **4डी ई-ऑटोमोटिव्स**: ऐसे उत्पादों की विशेषता जैसे कि सस्टेनेबल एनर्जी बैटरी से चलने वाली ई-साइकिल।
– **वुडल्यूमेंस**: निब टेक्सस द्वारा स्वामित्व, जो वॉइस रिकग्निशन तकनीक के साथ एलईडी लाइट्स प्रदान करता है।

आर एस एस के कार्यप्रभारी के डा० इन्द्रेश कुमार जी ने अपने अभिभाषण में आपसी सहयोग और भारों चारे की भावना को मज़बूत करने की बात पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जातियाँ सद्भावना और सद्भाव के लिये होती है।
हमें एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण करना है। पर्यावरण को बचाना है। और उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में हम शांति के पक्षधर हैं।
उन्होंने मथुरा वृन्दावन का भी ज़िक्र किया। और कहा कि भक्ति का रहस्य बताते हुए उन्होंने कहा कि भक्ति आपको अभूतपूर्व कर देगी। इसलिये ईश्वर भक्ति और देश भक्ति हम सबके लिये सबसे पहले है।

भगवत प्रसाद शर्मा
पीआरओ/मीडिया कार्यकारी
गलगोटियास विश्वविद्यालय
ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश

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