Paryavaran Archives - Bharat Vandan News https://bharatvandan.com/tag/paryavaran/ Bharat Vandan News Fri, 22 Nov 2024 23:16:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://bharatvandan.com/wp-content/uploads/2024/07/cropped-logo-150x150.png Paryavaran Archives - Bharat Vandan News https://bharatvandan.com/tag/paryavaran/ 32 32 ई.एस.डी.ए. इंडिया द्वारा 5वे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 का भव्य आयोजन https://bharatvandan.com/eszda-india-dwara-5ve-vishva-parvaran/ https://bharatvandan.com/eszda-india-dwara-5ve-vishva-parvaran/#respond Fri, 22 Nov 2024 23:16:58 +0000 https://bharatvandan.com/?p=1392 ई.एस.डी.ए. इंडिया द्वारा 5वे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 का भव्य आयोजन एनवायरनमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन (ईएसडीए इंडिया) ने 16 से 17 नवंबर 2024 को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, संसद मार्ग, नई दिल्ली में और 21 नवंबर 2024 को हंसराज कॉलेज, नॉर्थ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय में हाइब्रिड मोड में 5वां...

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ई.एस.डी.ए. इंडिया द्वारा 5वे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 का भव्य आयोजन

एनवायरनमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन (ईएसडीए इंडिया) ने 16 से 17 नवंबर 2024 को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, संसद मार्ग, नई दिल्ली में और 21 नवंबर 2024 को हंसराज कॉलेज, नॉर्थ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय में हाइब्रिड मोड में 5वां विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024, एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, आई.सी.एम.आर. कार्यशाला, पुरस्कार और प्रदर्शनी का भव्य एव सफल आयोजन आयोजन किया गया। शिखर सम्मेलन में 22 भारतीय राज्यों और 10 विदेशी देशों से कुल 1294 लोगों ने हिस्सा लिया और इसमें से 907 पंजीकृत प्रतिभागी (318 भौतिक, 426 वर्चुअल), 260 स्वयंसेवक और 130 संकाय और वक्ता शामिल थे।

यह कार्यक्रम डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, हंसराज कॉलेज, एमिटी यूनिवर्सिटी हरियाणा, जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी गुरुग्राम, आरसीसीवी गर्ल्स कॉलेज गाजियाबाद, हेस्को देहरादून और यूएन एनवायरनमेंट, विला कॉलेज मालदीव और त्रिभुवन यूनिवर्सिटी काठमांडू नेपाल, जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ बांग्लादेश जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से आयोजित किया गया था। विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 के अंतर्गत “बायोमेडिकल रिसर्च के लिए सांख्यिकीय पद्धतियाँ” पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गयी जिसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई.सी.एम.आर.), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित और समर्थित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को इंटरनेशनल एग्रो फूड गाजियाबाद, बंकरमैन और ऑटोमोटो जेनसेट सॉल्यूशन द्वारा प्रायोजित किया गया था। शिखर सम्मेलन में 19 तकनीकी सत्र, 10 मौखिक पेपर प्रस्तुतियाँ, 4 पूर्ण सत्र, 3 आई.सी.एम.आर. कार्यशाला सत्र और 2 पोस्टर प्रस्तुतियाँ शामिल थीं, जिसमें दिल्ली का वायु प्रदूषण, जल संकट, नदी प्रदूषण, अपशिष्ट प्रबंधन, टिकाऊ कृषि, जलवायु परिवर्तन, एस.डी.जी. और हरित ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया था।

शिखर सम्मेलन के आयोजन सचिव और एनवायरनमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन के चेयरमैन एव महासचिव डॉ. जितेन्द्र नागर ने बताया कि 5वां विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 एक शानदार सफलता थी, जिसमें पर्यावरण संबंधी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दुनिया भर से प्रतिष्ठित वक्ता, प्रतिभागी और आयोजक एक साथ आए। शिखर सम्मेलन ने सार्थक चर्चा, ज्ञान साझा करने और सहयोग के लिए एक मंच प्रदान किया। डॉ. नागर ने बताया कि शिखर सम्मेलन आयोजित करने का उद्देश्य पर्यावरण संबंधी चुनौतियों पर चर्चा करना और विश्व समुदाय और सरकारों के सामने समस्याओं को कम करने के लिए कुछ करने को प्रेरित करना था। इस प्रकार के शिखर सम्मेलन छात्रों, संकायों और वैज्ञानिकों के लिए जागरूकता पैदा करते हैं और नवीनतम शोध और आविष्कार को साझा करने और प्रकाशित करने का एक मंच प्रदान करते हैं।

शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार श्री रामनाथ ठाकुर जी मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि आज हमें पर्यावरण क्षरण पर कृषि गतिविधियों के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए कुछ नई तकनीक और नवाचारों की आवश्यकता है। हमे किसानों को पराली जलाने और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग ना करने के लिए कुछ समाधान देने होंगे। इस प्रकार के सम्मेलन समाज की जागरूकता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

सम्मानित विदेशी अतिथि एव मालदीव माननीय मत्स्य एवं महासागर संसाधन राज्य मंत्री डॉ. अमजद अहमद ने कहा कि वे महासागरों और उसकी जैव विविधता को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समुद्र का जलस्तर बढ़ने से हम जलवायु परिवर्तन के खतरे में हैं और पूरी दुनिया को इसमे ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्य वक्ता पद्म भूषण पुरस्कार विजेता एवं हेस्को देहरादून के संस्थापक डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने भारत सरकार से मांग की कि अब समय आ गया है कि हम अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए जमीनी स्तर पर कुछ पहल करें। सरकार को हमारी नदी, जंगल और वन्य जीवन की रक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए।

पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली के न्यायिक सदस्य एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति श्री सुधीर अग्रवाल ने कहा कि हमारे पास अपने पर्यावरण, जंगल, नदियों, जल संसाधनों, वन्य जीवन की रक्षा के लिए पर्याप्त कानून हैं। लेकिन समस्या केवल उनके क्रियान्वयन की है। गंगा और यमुना की रक्षा और दिल्ली वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई आदेश पारित किए गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह स्थिति बहुत निराशाजनक है। न्यायपालिका अपना काम कर रही है और आदेश जारी कर अपराधियों को सजा दे रही है लेकिन पर्यावरण की रक्षा के लिए यह पर्याप्त नहीं है। अगली पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल नहीं है। शिखर सम्मेलन के संरक्षक मेजर जनरल डॉ. श्री पाल ने भारत सरकार से मांग की कि वे दिल्ली वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कुछ पहल करें और उन्होंने कहा कि SO2, NO2 और पार्टिकुलेट मैटर की तरह CO2 भी बहुत महत्वपूर्ण है।

शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष और दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सदा नंद प्रसाद ने कहा कि आज पर्यावरण शिक्षा भारत के सभी नागरिकों और खासकर हमारे युवाओं के लिए आवश्यक है। हमारे छात्र भारत का भविष्य होंगे और अगर उन्हें पर्यावरण के मुद्दों का ज्ञान होगा, तो वे पर्यावरण और विकास के टकराव के समय सही निर्णय ले सकते हैं। पद्मश्री से सम्मानित जल संरक्षणविद् राजा लक्ष्मण सिंह ने राजस्थान के तालाबों को बड़े पैमाने पर पुनर्जीवित करने और जयपुर जिले के गांवों में जल संकट की समस्या को हल करने की प्रक्रिया बताई। ईएसडीए ग्रीन 2024 पुरस्कारों से दुनिया भर के लगभग 45 विशिष्ट लोगों को सम्मानित किया गया, जिनमें माननीय न्यायमूर्ति श्री सुधीर अग्रवाल को ईएसडीए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, दिल्ली विश्वविद्यालय के वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक राज कुमार को राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार, अंतर्राष्ट्रीय रोमा सांस्कृतिक विश्वविद्यालय के माननीय कुलाधिपति प्रो. एम के. वाजपेयी और बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. हमीदा खानम और एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पीबी शर्मा को मानद फैलोशिप, मॉरीशस विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मंता देवी नौबथ, अंबेडकर कालिज के प्राचार्य प्रो. सदा नंद प्रसाद और हंसराज कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रमा को ऐकडेमिक एक्सलन्स, तथा समाजसेवी सेवी भोपाल सिंह नागर, मदन पांचाल, भूपेंद्र नागर, रवीद अहमद और अन्य को पुरुस्कारों से सम्मानित कुयय गया।

प्रतिष्ठित अतिथि और वक्ता जिनमें जल योद्धा पद्म श्री उमा शंकर पांडे यूपी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के निदेशक श्री वी.पी. यादव, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, भारत सरकार की वैज्ञानिक डॉ. गीतांजलि सगीना, दिल्ली विश्वविद्यालय के वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. राज कुमार, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान स्कूल के डीन प्रो. संजीत सिंह, विला कॉलेज मालदीव के सहायक प्रोफेसर डॉ. लोकेश सिंह, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड गुवाहाटी के मुख्य महाप्रबंधक एवं गुवाहाटी रिफाइनरी के प्रमुख श्री पीके बसुमतारी, हंसराज कॉलेज की उप प्राचार्य प्रो. विजय रानी राजपाल, महारानी साइंस कॉलेज फॉर विमेन, मैसूर, कर्नाटक की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हनुमंथप्पा मकरी, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. जी के अरोड़ा, शिक्षा पहल के परियोजना निदेशक, शिव नादर फाउंडेशन, नोएडा डॉ. रॉबिन सरकार, जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम की गुणवत्ता निदेशक (सीसीपी), बीएमएनएस सर्विसेज, गुरुग्राम डॉ. ललित शर्मा, डॉ. कविता खटाना, डॉ. कमल सिंह,एवं अन्य ने व्याख्यान दिए|

धन्यवाद

डॉ. जितेंद्र के नागर
आयोजन सचिव, विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024
पर्यावरण एवं सामाजिक विकास संघ, दिल्ली के महासचिव
मोबाईल: 9810086649

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