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*जीबीयू में रियोलॉजी पर कौशल विकास कार्यशाला आयोजित* गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी विभाग , स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंसेज

*जीबीयू में रियोलॉजी पर कौशल विकास कार्यशाला आयोजित*
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी विभाग , स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंसेज के द्वारा 19 दिसंबर 2025 को विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में “रियोलॉजी के साथ शुरुआत: भोजन, फार्मास्यूटिकल्स और नैनोफॉर्मूलेशन के लिए अनुप्रयोग” विषय पर एक दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता स्कूल के डीन प्रो. चंदर कुमार सिंह ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि स्थायी औद्योगिक विकास के लिए गुणवत्ता आश्वासन और सामग्री व्यवहार की वैज्ञानिक समझ अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित ऐसी विशिष्ट कार्यशालाएँ विश्वविद्यालय प्रणाली में इस विषय को अग्रणी भूमिका प्रदान करती हैं।
मुख्य वक्ता प्रो. एस. एम. हादी, प्रोफेसर एमेरिटस, जैव रसायन विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने “भोजन कैसे दवा के रूप में कार्य कर सकता है” विषय पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। उन्होंने “भोजन ही दवा है” की अवधारणा को रेखांकित करते हुए आहार पॉलीफेनोल जैसे बायोएक्टिव यौगिकों की भूमिका पर प्रकाश डाला, जो कैंसर रोधी, जीवाणु रोधी और सूजन रोधी गुणों के कारण दवा के विकल्प के रूप में कार्य कर सकते हैं। वहीं, नेटिव फूडस्केप फाउंडेशन के निदेशक डॉ. चुबामेनला जामिर ने खाद्य प्रणालियों पर अपने विचार साझा करते हुए एकीकृत और सतत खाद्य प्रणाली दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्रों का नेतृत्व एंटोन पार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से डॉ. नेहा जैन, एप्लीकेशन स्पेशलिस्ट तथा संतोष कुमार, एरिया सेल्स मैनेजर (कैरेक्टराइजेशन डिवीजन) ने किया। सत्रों में रियोलॉजी के मूल सिद्धांतों के साथ-साथ रियोमीटर के घटकों, नमूना तैयारी, स्थिर कतरनी परीक्षणों और दोलन माप पर व्यावहारिक प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य छात्रों को रियोलॉजी उपकरणों से परिचित कराना और आधुनिक खाद्य एवं औषधि उद्योगों में गुणवत्ता नियंत्रण तथा उत्पाद की निरंतरता सुनिश्चित करने में रियोलॉजी की भूमिका को रेखांकित करना था।
कार्यक्रम के दौरान रियोलॉजी और उसके महत्व पर आधारित एक पोस्टर प्रस्तुति प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने रियोलॉजिकल सिद्धांतों और खाद्य प्रणालियों में उनके अनुप्रयोगों की अपनी वैज्ञानिक समझ प्रस्तुत की। कार्यशाला का समापन संवादात्मक चर्चा और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसने अनुसंधान उत्कृष्टता, सतत कौशल विकास और उद्योग के साथ सहयोग के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया।

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