राजकीय चिकित्सा संस्थान, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश
मेडिसिन विभाग द्वारा हेपेटोलॉजी पर विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन
ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय चिकित्सा संस्थान (GIMS) के मेडिसिन विभाग द्वारा 14 दिसंबर 2024 को “हेपेटोलॉजी” पर एक विशेष विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. (प्रोफेसर) अमित गोयल, प्रमुख, हेपेटोलॉजी विभाग, एसजीपीजीआई, लखनऊ एवं WHO वायरल हेपेटाइटिस प्रोग्राम (दक्षिण-पूर्व एशिया) के प्रमुख थे। उन्होंने वायरल हेपेटाइटिस बी और सी की गंभीरता पर प्रकाश डाला और बताया कि यह संक्रमण न केवल लिवर को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त करता है, बल्कि लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर और यकृत फेल्योर जैसी जटिल बीमारियों का कारण बन सकता है।
डॉ. गोयल ने कहा कि हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण का मुख्य स्रोत संक्रमित रक्त और शरीर के तरल पदार्थ होते हैं। उन्होंने गर्भवती महिलाओं में इस संक्रमण की रोकथाम पर जोर देते हुए बताया कि समय पर स्क्रीनिंग, टीकाकरण और एंटीवायरल थेरेपी के माध्यम से मां से बच्चे में संक्रमण फैलने की संभावना को रोका जा सकता है।
डॉ. अभिषेक दीपक (डीएम, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी) ने लिवर रोगों के जटिल प्रबंधन पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने लिवर सिरोसिस, पोर्टल हाइपरटेंशन और हेपेटिक एन्सेफालोपैथी जैसे जटिल मामलों के प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों और मल्टीडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण पर चर्चा की।
वायरल हेपेटाइटिस के आंकड़ों पर प्रकाश:
– हेपेटाइटिस बी और सी वैश्विक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे हैं, जिनसे हर साल लाखों लोगों की जान जाती है।
– विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया में 30 करोड़ से अधिक लोग हेपेटाइटिस बी और सी से प्रभावित हैं।
– इन संक्रमणों का समय पर इलाज और रोकथाम न केवल मरीजों की जीवन गुणवत्ता सुधार सकता है, बल्कि लिवर प्रत्यारोपण जैसे महंगे इलाज की जरूरत को भी कम कर सकता है।
इस कार्यक्रम का सफल संचालन संस्थान के निदेशक एवं प्रोफेसर डॉ. सौरभ श्रीवास्तव तथा मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. पायल जैन के नेतृत्व में हुआ।
इस अवसर पर वरिष्ठ डॉक्टरों में डॉ रंभा पाठक (डीन एकेडमिक) डॉ अनुराग श्रीवास्तव (प्रशासनिक डीन), प्रोफेसर डॉ. अजय गर्ग (मेडिसिन), प्रोफेसर डॉ. ऋतु शर्मा (विभागाध्यक्ष, प्रसूति एवं स्त्री रोग),डॉ. रुचिका भटनागर, कर्नल डॉ. बृजमोहन, डॉ. हरदीप जोगी, डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. प्रीति, डॉ. दीपक वर्मा, डॉ. अंकुर कुमार और अन्य मेडिकल छात्रों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
यह कार्यक्रम हेपेटोलॉजी के क्षेत्र में जागरूकता और उन्नत चिकित्सा प्रबंधन पर केंद्रित रहा। हेपेटाइटिस बी और सी की रोकथाम और इलाज पर की गई चर्चा ने प्रतिभागियों को गहरी जानकारी और प्रेरणा प्रदान की