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मधी क्षेत्र राजपूत सभा गाजियाबाद द्वारा आयोजित क्षत्रिय समाज के महापुरुषों के सम्मान में समर्पित भव्य एवं विराट कवि सम्मेलन, हिंदी भवन ,लोहिया नगर, गाजियाबाद में संपन्न

आज मधी क्षेत्र राजपूत सभा गाजियाबाद द्वारा आयोजित क्षत्रिय समाज के महापुरुषों के सम्मान में समर्पित भव्य एवं विराट कवि सम्मेलन, हिंदी भवन ,लोहिया नगर, गाजियाबाद में संपन्न हुआ कार्यक्रम की कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि माननीय सुरेश राणा जी द्वारा दीप प्रज्वल कर सरस्वती वन्दना से की गई और मां सरस्वती एवं क्षत्रिय महापुरुषों पर माल्यार्पण करके और पुष्प चढ़ाए गए उसके पश्चात स्वागत की कड़ी में मुख्य अतिथि माननीय पूर्व मंत्री सुरेश राणा जी ,गन्ना मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार का स्वागत संयोजक ठाकुर अजय चौहान जी, अध्यक्ष श्री राम औतार सिंह, महासचिव श्री नरपाल सिंह द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि का माननीय श्री अनिल खेड़ा जी का स्वागत पूर्व अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सिंह, श्री हरिओम सिंह चौहान , श्री हरि सिंह नगलक्ष द्वारा किया गया। मुख्य संयोजक श्री अजय चौहान जी का स्वागत वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ सौरभ राजपूत, कोषाध्यक्ष श्री संजीव चौहान, मीडिया प्रभारी श्री विजेंद्र सिंह ,लेखा परीक्षक श्री प्रदीप चौहान जी ,द्वारा गुलदस्ता भेंट करके किया गया । इसके पश्चात कवियों विश्व विख्यात प्रसिद्ध कवि डॉ अर्जुन सिंह सिसोदिया का स्वागत ,उपाध्यक्ष श्री तेजवीर सिंह, श्रीगुलशेर सिंह जी ,श्री मनोज कुमार मनोज जी कि स्वागत उपाध्यक्ष श्री योगेश कुमार जी, सत्येंद्र सिंह जी, डॉ विनोद चौहान “प्रसून ” का स्वागत उपाध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार ,श्री अतेंद्र चौहान, डॉ अक्षय प्रताप आक्षय जी कवि का स्वागत उपाध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार ,संगठन सचिव श्री शैलेंद्र चौहान जी, श्री मोहित शौर्य जी कवि का स्वागत सहसचिव श्री अनिल चौहान जी, श्री नरेंद्र सिंह निहार का स्वागत से सह सचिव श्री नितिन चौहान, सुशील चौहान द्वारा किया गया । हमारे समाज की प्रसिद्ध कवियत्री श्रीमती अंजलि सिसोदिया जी का स्वागत पूर्व कोषाध्यक्ष श्रीमती पूनम चौहान, मंजू रानी ,संगीता चौहान द्वारा किया गया।
इसके पश्चात प्रसिद कवियों को अपनी कविताओं के माध्यम से कविताओ,गीतों के माध्यम से पूरे क्षत्रिय समाज का मन मोह लिया।
डॉ अर्जुन सिंह शिशोदिया जी की कविता पंक्तियों की झलक इस प्रकार है
युद्ध नहीं जिनके जीवन में वे भी बड़े अभागे होंगे
या तो प्रण को तोड़ा होगा या फिर रण से भागे होंगे।।
प्रसिद्ध कवि श्री मनोज कुमार मनोज की पंक्तियां इस प्रकार है

डॉ अक्षय प्रताप जी की कविता की पंक्तियाँ:
जालिम जल्लाद महा पापी वहलोल खान तोड़ा मां भवानी का पानी डाला था
सुप्रसिद्ध कवि और हिंदी संसाधक डॉक्टर विनोद चौहान प्रसून की कविता इस प्रकार है
गरिमा गौरव और गर्व का रखना होगा ध्यान हमें
राजपूत हैऔर यही गुण देते हैं पहचान हमें।।
नरेंद्र सिंह निहर की पंक्तियां:
अपने शोषित से सीची है सच्ची खरी कहानी है। इतिहासो में लिखी हुई है जिनकी अमर वलिदानी है घर-घर गूंजे गाथा उनकी स्मृति का उजाला चंदन होगा ।
कवि मोहित शौर्य द्वारा रचित कविता:
दुनिया को नहीं भारत यशगान सुनाया है हमने,
दुश्मन के घर में घुसकर ही जश्न मनाया है हमने ।
धर्म पूछ कर बहनों का सिंदूर मिलाया था तुमने ,
उसी मिटे सिंदूर के ही बरूद बनाया है हमने।।
सुप्रसिद्ध कवित्री श्रीमती सिसोदिया द्वारा रचित कविता की पंक्तियां
वन्दना हंस वाहिनी की शरदे ब्रह्मचारिणी की अंग पर सोहे पीताम्बर सोहे।
माननीय मुख्य अतिथि सुरेश राणा जी ने अपने विचारों के माध्यम से बताया कि हमारा समाज बिखर रहा है हम क्षत्रियों को एकजुट रहना चाहिए और हमें देश में अपनी भागीदारी निश्चित करनी चाहिए समस्त क्षत्रिय समाज को ऊपर उठना है तो हमें राजनीति में आना चाहिए ।इसके उपरांत विशिष्ट अतिथि श्री अनिल खेड़ा जी ने बताया आज हमारे क्षेत्र समाज की जो स्थिति है वह सोचने योग्य है हमने अपने क्षत्रिय समाज ऊपर उठना है तो हमें शिक्षा अपने बच्चों को ऐसे संस्कार देने होंगे ऐसी शिक्षा देनी होगी जिससे हम आगे बढ़ सके क्योंकि शिक्षा ही ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम किसी भी विभाग सरकारी विभाग प्राइवेट नौकरी या राजनीति में आकर के अपने समाज को आगे बढ़ा सकते हैं।
इस अवसर पर संयोजक ठाकुर अजय चौहान जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि क्षत्रिय समाज हमेशा से राष्ट्रहित, सामाजिक और धर्महित में कार्य करता आ रहा है आज के परिपेक्ष में जो चुनौतियां हमारे समाज और देश के सामने खड़ी है उनके समाधान के लिए क्षत्रिय समाज को उन्हें अपने पुराने परिवेश में आना चाहिए तभी समाज का और देश का हित होगा उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास गवाह है कि क्षत्रिय समाज का धर्म की रक्षा के लिए अपना स्वास्थ्य बलिदान दिया है आज सभागार में बैठे हुए समस्त क्षत्रिय बंधुओ से निवेदन करना चाहता हूं कि हम प्रण करें कि हम अपने और अपने देश के गद्दारों को सर नहीं उठाने देंगे।
अंत में संस्था के अध्यक्ष श्री राम औतार सिंह ने बताया कि देश के कोने-कोने से आए कवियों ने अपनी कविताओं एवं छंदों के माध्यम से बताया कि राजपूत केवल जाति विशेष नहीं यह गौरव, स्वाभिमान, राष्ट्रीयता, शौर्य पराक्रम और त्याग से भरा एक इतिहास भरा एक संस्कार है हमे वीर महापुरुषों से प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम अपने देश और समाज के लिए कार्य करें आज इस विराट भाव कवि सम्मेलन में 500 600 की संख्या में पधारे राजपूत भाई बहन क्षत्राणियो एवं बच्चों का बहुत-बहुत आभार। समस्त कवियों द्वारा अपनी मधुर वाणी से कविताओं गीतों के द्वारा क्षत्रिय समाज को संदेश देने के लिए बहुत-बहुत आभार एवं धन्यवाद इस शुभ अवसर पर संस्था के संरक्षक से डॉक्टर हरपाल सिंह चौहान जी,डॉ जितेंद्र सिंह चौहान जी द्वारा समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद मैं उनका आभारी हूं इस भव्य कवि सम्मेलन में देश के कोने-कोने से पधारे आगुन्तको का।

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