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शारदा यूनिवर्सिटी में दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन

शारदा यूनिवर्सिटी में दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन

 

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में नए छात्रों के लिए दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में लगभग पच्चीस सो छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि इंटरनेशनल रिलेशंस प्रसार भारती के डायरेक्टर रमन कुमार रहे। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि दीप प्रज्वलित करके किया गया। इस अवसर पर शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता, प्रो चांसलर वाईके गुप्ता, वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा, रजिस्ट्रार विवेक गुप्ता,डॉ राजीव गुप्ता, डॉ आरसी सिंह और विश्वविद्यालय के डीन व एचओडी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रमन कुमार ने कहा कि आप लोग बहुत लक्की है कि जो आपने वर्ल्ड क्लास विश्वविद्यालय को चुना है। छात्रों के साथ साथ शिक्षकों को भी शिक्षा के महत्व के बारे में समझाया ।उन्होंने शिक्षकों से अनुरोध किया की वो भी समय के साथ साथ अपने ज्ञान में निरंतर वृद्धि करते रहे और नए नए अनुसंधान करते रहे । शिक्षा और राष्ट्र के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका का वर्णन किया। उन्होंने भारत की उच्च उपयोगिता वाले युवा शक्ति के महत्व पर जोर दिया और बताया कि उनके पास पूरे विश्व में अवसर हैं। उन्होंने स्वस्थ और खुश रहने और सफलता प्राप्त करने के लिए अच्छी आदतों, अनुशासन, सकारात्मकता और जीवन शैली के कई अन्य पहलुओं पर जोर दिया। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के बारे भी बताया।

शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी जिस शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत करने जा रहे है सबसे पहले उसे ही अपना लक्ष्य बनाए और किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरुरत होती है। जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। जब तक आपके पास लक्ष्य नहीं होगा तब तक सफलता पाने में कठिनाई होगी. भारत का भविष्य आज सभी युवा छात्रों पर निर्भर करता है और आप सभी को पूरे विश्व पर एक वैश्विक नेता की तरह काम करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्ति को अपनी पढ़ाई के प्रति हमेशा लगनशील रहना चाहिए ।

विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाईके गुप्ता ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और यूनिवर्सिटी के बारे बताया। इस दौरान उन्होंने स्टूडेंट्स कहा कि आप अपने क्रिएटिव आइडिया लेकर आए जिसमें यूनिवर्सिटी आइडिया को धरातल पर लाने के लिए मदद करेगी और किस तरह आप उससे सोसायटी हेल्प कर सकते है। कहा कि विश्वविद्यालय का मूल उद्देश्य ज्ञान पैदा करना है, आपको यह देखने की जरूरत है कि उस ज्ञान को मानव समाज में कैसे लाया जा सकता है। किताबी ज्ञान हमेशा रहेगा लेकिन जिज्ञासा को आजमाएं, जिज्ञासा आपको आगे ले जाएगी। निरंतर सीखना और सुधार

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