27,000,सरकारी स्कूलों को बन्द करने के राज्य सरकार के फैसले पर आम आदमी पार्टी की कड़ी आपत्ति
उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार द्वारा लिए गए
27,000 सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बन्द करने के निर्णर्य की आम आदमी पार्टी कड़ी निन्दा करती हैं। यह कादम ना केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक गंभीर पिछडाव है, बक्ति यह उत्तर प्रदेश के गरीब, ग्रामीण और पिछड़े वर्गों के लाखो बच्चों के भविष्य पर कुवाराधात है।
किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कमांडो अशोक ने कहा कि यह फैसला शिक्षा के अधिकार और सर्वशिक्षा अभियान जैसी ऐतिहासिक योजनाओं के मूल उद्देश्य के ना केवल विपरीत है। संविधान द्वारा दिए गए शिक्षा के मालिक, धान अधिकार का श्री हनन है। उत्तर प्रदेश में पहले से ही स्कूली ड्रोप आऊट घर चिन्ता-जनक है क्योंकि पिछले साल प्रदेश मे लगभर 8 लाख बच्चों ने स्कूल घोडा है। जब शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की आवश्यकता है, ऐसे समय में इतने बड़े पैमाने पर स्कूलो को बन्द करना पूर्णतः.. असंवेदनशील और जन विरोधी निर्णय है।
किसान प्रकोष्ठ की पश्चिमी प्रांत प्रभारी रन जना तिवारी ने कहा कि सरकार ने इस पौसले को “संबहूनात्मक पुनर्गठन” और “कम उपस्थिति” जैसे, कारणों की है, लेकिन: वास्तविकता यह है कि शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने की बजाय इसे कमजोर किया जा रहा है। जबकि आम आदमी पार्टी ने अब तक का सबसे अच्छा शिक्षा का मोडल दिल्ली में दिया और अब इसी पर पंजाब में काम चल रहा है।
नाथ आदमी पार्टी मांग करती है कि राज्य सरकार तुरुत इस निर्णय को वापिस लें और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के नाम पर तोड़-फोड करने के बजाय, संसाधनों की उपलब्धता, शिक्षक नियुक्ति और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान दायाद सरकार इस जनविरोधी निर्णय को वापस नही लेती है, तो आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में
जनआन्दोलन खड़ा करेगी और हर मंच पर इस मुद्दे को उठासेगी सडक से लेकर सदन तक।
इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष मौत अजहर जिला अध्यक्ष राकेश अवाना, सन्दीप भाटी विपिन भाही