जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज ने इंटलेक्चल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) पर एक ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किया
ग्रेटर नोएडा स्थित जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (जीआईपीएस) के अनुसंधान एवं विकास (आर & डी) क्लब और इंस्टीट्यूशंस इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) ने इंटलेक्चल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) पर एक ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किया। इस सत्र का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को आधुनिक युग में आईपीआर के मूल सिद्धांतों और महत्व के बारे में शिक्षित करना था।
इस सत्र के मुख्य वक्ता पीएनए इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एंड टेक्नोलॉजी अटॉर्नीज के संस्थापक और आईपी अटॉर्नी श्री प्रतीक श्रीवास्तव थे। श्री श्रीवास्तव ने आईपीआर की बुनियादी अवधारणाओं की गहन व्याख्या की, इसके विभिन्न घटकों, लाभों और नवाचार को बढ़ावा देने और बौद्धिक संपदा की रक्षा करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उनकी विशेषज्ञता और आकर्षक प्रस्तुति ने छात्रों को पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट और इंटलेक्चल प्रॉपर्टी के अन्य पहलुओं के महत्व को समझने में मदद की।
प्रो. (डॉ.) सविता मोहन, प्रिंसिपल, जीआईपीएस ने उभरते उद्यमियों और शोधकर्ताओं के लिए आईपीआर के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने रचनात्मक और अभिनव विचारों को उचित मान्यता और कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इंटलेक्चल प्रॉपर्टी राइट्स की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
यह सत्र अत्यधिक जानकारीपूर्ण और संवादात्मक साबित हुआ, जिसमें छात्रों और शिक्षकों ने चर्चाओं और प्रश्नों में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस कार्यक्रम ने इंटलेक्चल प्रॉपर्टी राइट्स के बारे में जागरूकता और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए जीआईपीएस की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, छात्रों और शिक्षकों को अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता में अपने भविष्य के प्रयासों के लिए आईपीआर का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।