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यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन हाई अलर्ट* *प्रभावित लोगों को रेस्क्यू कर शरणालयों में सुरक्षित ठहराया जा रहा है*

 

*डीएम वार रूम0गौतमबुद्ध नगर से*

*यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन हाई अलर्ट*

*प्रभावित लोगों को रेस्क्यू कर शरणालयों में सुरक्षित ठहराया जा रहा है*

*कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय, राहत एवं बचाव कार्य तेज़ी से जारी*

*गौतमबुद्ध नगर 05 सितंबर, 2025*

यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर मेधा रूपम के नेतृत्व में राजस्व, सिंचाई, स्वास्थ्य, पूर्ति विभाग, रेस्क्यू टीमों एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। प्रभावित लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित शरणालयों में पहुंचाया जा रहा है, जहाँ उनके भोजन, चिकित्सा और अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। अब तक जनपद के कुल 18 ग्राम (तहसील सदर के 12 और दादरी के 6) बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनकी लगभग 3700 की जनसंख्या प्रभावित है। इनमें से 3396 लोगों को विभिन्न शरणालयों में ठहराया गया है, जहाँ सामुदायिक रसोई के माध्यम से तीनों समय भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
आमजन की सुविधा के लिए बाढ़ कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय है, जिसके दूरभाष नंबर 0120-2978231, 2978232 और 2978233 जारी किए गए हैं। अब तक दादरी क्षेत्र में 182 और सदर क्षेत्र में 410 राहत किट वितरित की जा चुकी हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की एक टीम तहसील जेवर मेहंदीपुर में, एसडीआरएफ की एक टीम तहसील सदर सेक्टर-135 में, पीएसी 44 बटालियन की एक टीम नॉलेज पार्क क्षेत्र में तथा अग्निशमन और एसडीआरएफ की टीम तहसील दादरी सेक्टर-128 में तैनात है। कुल पांच टीमें और 14 बोटें रेस्क्यू कार्य में लगी हैं, जिनके साथ आपदा मित्र और होमगार्ड भी तैनात किए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की छह मेडिकल रेस्पॉन्स टीमें शरणालयों में निवास कर रहे लोगों को एंटी स्नेक वेनम समेत सभी आवश्यक दवाएँ उपलब्ध करा रही हैं। पशुओं की सुरक्षा हेतु सेक्टर-135 ग्रीन बेल्ट पुश्ता रोड पर बनाए गए पशु शिविर में अब तक लगभग 1471 गौवंश को सुरक्षित रखा गया है।
जिलाधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि नदी और नालों के किनारे न जाएँ, अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में बाढ़ कंट्रोल रूम के नंबर पर संपर्क करें। विस्थापित लोग शरणालयों में ही रहें और पशुपालक अपने मवेशियों को प्रशासन द्वारा बनाए गए शिविरों में भेजें।
सौजन्य से सूचना विभाग से गौतमबुद्धनगर।

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