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शिक्षा

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग के द्वारा हिंदी पखवाड़ा 2025 के समापन समारोह का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ 12 सितंबर 2025 को हुआ और 26 सितंबर 2025 को इसका समापन सत्र सम्पन्न

 

प्रेस विज्ञप्ति
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़ा 2025 के समापन सत्र का सफल आयोजन

 

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग के द्वारा हिंदी पखवाड़ा 2025 के समापन समारोह का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ 12 सितंबर 2025 को हुआ और 26 सितंबर 2025 को इसका समापन सत्र सम्पन्न हुआ।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गौतम बुद्ध वि.वि. के माननीय कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह जी ने अपने उदबोधन में भारतीय ज्ञान परंपरा के संवर्धन में हिंदी की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हिंदी से जितने अधिक लोग जुड़े, उतनी ही यह भाषा सशक्त और समृद्ध होती गई। उन्होंने यह भी कहा कि यह देखना आवश्यक है कि कितने नए लोग हिंदी सीख रहे हैं और इस भाषा से जुड़ रहे हैं। मातृभाषा और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए दृढ़ संकल्प आवश्यक है।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के उपनिदेशक श्री राधारमण जी ने अपने संबोधन में कहा कि नई भाषा का अर्थ केवल नए शब्दों का प्रयोग नहीं, बल्कि नई जीवनशैली को अपनाना भी है। उन्होंने यह भी बताया कि सूचना और संचार के इस युग में हिंदी के पास सबसे अधिक सामग्री उपलब्ध है और यह अवसर है कि हिंदी वैश्विक संचार की प्रमुख भाषा बने।
वि.वि. के कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्वरूप और वैश्विक छवि पर जोर देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय इस दिशा में निरंतर प्रयत्नशील है। साथ ही हिंदी को गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों और लोगों तक अधिक से अधिक पहुंचाया जाए।
अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष प्रो. वंदना पांडे ने स्वागत भाषण में कहा कि हिंदी गंगा की तरह अतः सलिला है, यह एक निर्झरणी धारा है जो निरंतर प्रवाहित होती रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मां भाषा और संगीत में कोई द्वेष नहीं होना चाहिए। सबको एक साथ फलते फूलते देखना चाहिए।
कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्जवलन से हुआ। तत्पश्चात कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विभावरी ने विभाग तथा हिंदी पखवाड़ा समारोह एवं प्रतियोगिताओं की रूपरेखा और उद्देश्य प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का समापन विभाग की प्राध्यापिका डॉ. रेनू यादव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन, अतिथियों, संकाय सदस्यों और छात्रों का आभार प्रकट किया।
हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत 15 दिन तक काव्य लेखन, निबंध लेखन, वाद-विवाद, कहानी पाठ और पोस्टर मेकिंग जैसी प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं।
पोस्टर मेकिंग में एम ए हिन्दी की छात्रा अनविका भाटी को प्रथम, BA हिन्दी की दीपिका को द्वितीय तथा बी टेक की ख़ुशी को तृतीय स्थान मिला। वाद विवाद प्रतियोगिता में BSc बायोटेक के तुषार चंद्रा को प्रथम, BA LLB की पलक शर्मा को द्वितीय तथा BA पॉलिटिकल साइंस के उमेश शर्मा को तृतीय स्थान मिला. निबंध प्रतियोगिता में BSC फॉरेनसिक साइंस की मनीषा को प्रथम, BA BEd की रेजांशी को द्वतीय तथा BA हिन्दी की नेहा को तृतीय स्थान मिला. कहानी प्रतियोगिता में BA पॉलिटिकल साइंस की आरुषि शाक्य को प्रथम, अनविका भाटी को द्वितीय और MAMC के छात्र उज्जवल शर्मा को ततीय स्थान मिला. काव्य लेखन में Ph D साइकोलॉजी के विवेक खट्टर को प्रथम, अनविका भाटी को द्वि तीय और आरुषि शाक्य को तृतीय स्थान मिला.
समापन के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं एवं वालंटियर्स को सम्मानित किया गया। समारोह में विश्वविद्यालय परिवार के अधिकारी, विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और हिंदी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस समारोह का संचालन विभाग के शोध छात्र विवेक और एम ए की छात्रा अन्विका द्वारा किया गया।
इस पूरे आयोजन में विभाग की कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विभावरी के साथ-साथ विभाग के सभी संकाय सदस्य — डॉ. दिवाकर गरवा, रेनू यादव, डॉ. ओबैदुल गफ्फार, डॉ. आसिफ, डॉ. रेहाना सुल्ताना, डॉ. ममता कुमारी, डॉ. अपर्णा और सुश्री संगीता — सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।

प्रेषक:
भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोयडा

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