*”वह स्त्री ही होती है, जो चौखट को अंतिम पहर तक निहारती रहती है, क्योंकि उसे लौटने वाले हर कदम की आहट सुनाई देती है और हर परछाईं में अपनेपन की झलक दिखाई देती है
*”वह स्त्री ही होती है, जो चौखट को अंतिम पहर तक निहारती रहती है, क्योंकि उसे लौटने वाले हर कदम की आहट सुनाई देती है...